Essay on Vocal for Local in hindi | वोकल फॉर लोकल क्या है| Vocal for Local essay hindi

Essay on Vocal for Local in hindi : इस artical के माध्यम से हमने वोकल फॉर लोकल अभियान से सम्बन्धित जानकारी दिया है वोकल फॉर लोकल क्या है? Vocal for Local|Vocal for Local essay hindi इस अभियान का उद्देश्य यह है कि भारत में रोजगार के अवसर उत्पन्न किया जा सके। 

Essay on Vocal for Local in hindi

प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मई, 2020 में भारत को आत्मनिर्भर बनाने हेतु वोकल फॉर लोकल का मन्त्र दिया गया कोविड-19 महामारी एवं वैश्वीकरण में बदलती आत्मनिर्भरता को देखते हुए प्रधानमन्त्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने बताया कि भारतीय आत्मनिर्भरता 5 स्तम्भौ जैसे- अर्थव्यवस्था (Economy),अवसंरचना (Infrastructure),प्रौद्योगिकी (Technology),गतिशील जनसांख्यिकी (Dynamic Demography) तथा माँग (Demand) पर खड़ी होगी। इस दौरान प्रधानमन्त्री द्वारा ₹20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की गई।

Essay on Vocal for Local in hindi

 

वोकल फॉर लोकल का अर्थ|Meaning of vocal for local in hindi

प्रधानमन्त्री ने कहा कि अब लोकल (स्थानीय उत्पादों का प्रयोग करने, गर्व से इसका प्रचार करने तथा वैश्विक बनाने का समय आ गया है, तभी ‘मेक इन इण्डिया’ के सपनों को भी पूरा किया जा सकेगा। अतः सभी भारतीय उत्पादों का लोकल से ग्लोबल बनने का बड़ा अवसर है, इसलिए Vocal for Local बनें। तभी भारत अपनी स्वनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर पाएगा।

वोकल फॉर लोकल की संकल्पना|Long Essay on Vocal for Local in hindi

वोकल फॉर लोकल‘ भारत के ‘मेक इन इण्डिया‘ की थीम को स्पष्ट करता है, जो लोकल (स्थानीय और स्वदेशी) विनिर्माण, लोकल बाजार और लोकल आपूर्ति श्रृंखला के महत्त्व को सिखाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यही है कि सभी भारतवासी न केवल लोकल प्रोडक्ट्स खरीदें, बल्कि गर्व से प्रचार भी करें प्रधानमन्त्री ने बताया कि इस महामारी ने हमें लोकल के महत्त्व को समझाया है। इसने हमें अवसर प्रदान किया है। वर्तमान में वैश्वीकरण के दौर में आत्मनिर्भरता की परिभाषा में बदलाव आया है। इसलिए भारत भी अपनी आत्मनिर्भरता को वोकल फॉर लोकल से पूरा करने की दिशा में बढ़ना चाहता है।

इसके साथ ही इन्होंने यह भी बताया कि लोकल का मतलब केवल भारतीय कम्पनियों के बनाए गए उत्पादों से नहीं है, बल्कि देश में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के बनाए गए उत्पाद भी शामिल होंगे। इस प्रकार, Vocal for Local के तहत स्वदेशी को अपनाते हुए, मेक इन इण्डिया के लक्ष्य को समाहित करते हुए, लोकल उत्पादों का वैश्विक बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण पहल है, जिससे भारत आत्मनिर्भर बनने के साथ ही भूमण्डलीकरण के दौर में दूसरे देश के लिए मार्गदर्शक भी बनेगा।

वोकल फॉर लोकल की प्रासंगिकता|Essay on Vocal for Local 

वोकल फॉर लोकल का मन्त्र वर्ष 1905 में हुए स्वदेशी आन्दोलन को याद दिलाता है, जो अपने देश का’ अथवा “अपने देश में निर्मित वस्तुओं की याद दिलाता है। अतः भारत के प्रधानमन्त्री द्वारा पुनः स्वदेशी आन्दोलन की तर्ज पर ही भारत को आर्थिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से ‘वोकल फॉर लोकल‘ का मन्त्र दिया गया है। वर्तमान में अधिकांश आधारभूत आवश्यक उत्पादों पर विदेशियों का अधिकार पाया जाता है। प्रधानमन्त्री ने खादी और हथकरघा जैसे लोकल उत्पादों का उदाहरण देकर इसकी रिकॉर्ड माँग के बारे में भी बताया। वर्तमान में भी अधिकांश आधारभूत आवश्यक उत्पादों पर विदेशी देशों का अधिकार पाया जाता है।

भारत में प्रधानमन्त्री के आह्वान के पश्चात बड़ी उपभोक्ता कम्पनियाँ अपने विज्ञापन और विपणन कैपेन में Vocal for Local पर जोर दे रही हैं। पारले जी बिस्कुट कम्पनी ने भी स्वदेशी थीम वाले विज्ञापन जारी किए है।

स्थानीय उत्पादों का महत्व वैश्वीकरण के दौर में विश्व के विभिन्न देशों के द्वारा अपनाई गई संरक्षणवादी नीतियों के तहत भी देखा जा सकता है, जिसकी वैश्विक पटल पर कुछ देशों के द्वारा आलोचना भी की जाती रही है। इसी को देखते हुए भारत के प्रधानमन्त्री ने माना कि आत्मनिर्भरता की परिभाषा में बदलाव आ गया है। इसे कोरोना महामारी के संकट ने और स्पष्ट कर दिया, क्योंकि इस दौरान देश के स्थानीय उत्पाद ही काम आए।

इस प्रकार, इस मन्त्र से देश के स्थानीय उत्पादों को ब्राण्ड नाम मिलेगा, वैश्विक निर्यात में बढ़ावा मिलेगा तथा वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी। हालांकि की प्राचीन औषधियाँ आज भी वैश्विक बाजार में को महत्त्व प्रदान करती हैं। अत: प्रधानमन्त्री ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लोकल, वोकल तथा ग्लोबल की बात कही है। इससे जो विदेशी सामान हमारे घर में विभिन्न नाम से मौजूद है, उसे स्थानीय उत्पादन प्रतिस्थापित कर सकेंगे।

Essay on Vocal for Local in hindi

 

वोकल फॉर लोकल में अवसर|Essay on Vocal for Local in hindi

स्वदेशी अर्थात् लोकल उत्पाद न केवल उत्पादन को बढ़ावा देता है, बल्कि रोजगार के साथ कई अवसर तथा सम्भावनाओं को जन्म देता है। यह विशेषकर देश के एम. एस. एम. ई. (MSME) के लिए अवसर प्रदान करता है,जिस पर देश की करोड़ों लोगों की आजीविका निर्भर करती है। भारत जैसे देश के लिए यह अवसर बहुत ही महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि देश में युवा वर्ग की संख्या सर्वाधिक है। साथ ही प्रधानमन्त्री ने तो एम. एस. एम. ई. को आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना का मजबूत आधार माना है। यह देश के संरक्षित लोकल उत्पादों को विश्व में पहचान दिलाएगा। उत्पादों की गुणवत्ता में बढ़ोतरी से देश में चीन जैसे देश के उत्पादों की माँग स्थानीय स्तर पर घटेगी। आर्ट, क्राफ्ट जैसे कार्यों को नए मुकाम पर ले जाने का अवसर मिलेगा।

इससे न केवल लोकल व्यवसायी, बल्कि बुनकर और कारीगरों को भी काम मिलेगा। तकनीकी संसाधनों की उपलब्धता का अवसर मिलेगा। भारत आर्थिक रूप से सम्पन्न हो सकेगा। देश की आवश्यकता अर्थात् माँग को पूरा करने में सम्भव हो सकेगा। साथ ही बदलते समय में आत्मनिर्भरता की बदलती परिभाषा में भारत को स्थापित करने का अवसर मिल सकेगा। उदाहरणस्वरूप, अमूल्य ब्राण्ड के उत्पादों को वैश्विक बनाया जा सकेगा।

इसी उद्देश्य से सभी भारतीयों से लोकल उत्पाद का प्रयोग करने तथा प्रचार करने का आह्वान किया गया है। भारत के प्रधानमन्त्री ने अवसरों को पहचानते हुए कहा है कि यदि भारत के लोग स्वदेशी उत्पादों का प्रयोग बढ़ा दें तो भारत न केवल आर्थिक रूप से मजबूत होगा, बल्कि लोगों के जीवन स्तर में सुधार के साथ ‘मेक इन इण्डिया’ का सपना साकार होगा।

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वोकल फॉर लोकल में चुनौतियाँ

1.भारत को स्वनिर्भरता बनाने वाले वोकल फॉर लोकल की सबसे बड़ी चुनौतियाँ स्थानीय उत्पादों को लेकर हैं। इसके साथ ही ‘मेक इन इण्डिया का सफल क्रियान्वयन न होना तथा चीनी उत्पादों का भारत के घरेलू बाजार में बड़े पैमाने पर मौजूद होना भी प्रमुख चुनौती है।

2.इसके अतिरिक्त देश की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के पास पर्याप्त वित्त का उपलब्ध न होना, लोकल उत्पादों को बढ़ावा देने में निवेश की कमी तथा भारत के निर्मित उत्पादों का आयातित उत्पादों की तरह गुणवत्तापूर्ण का न होना आदि है।

3.इसके अतिरिक्त भारतीय उत्पादों को विदेशी ब्राण्ड की वस्तुओं से प्रतिस्पर्द्धा करनी होगी। भारत के पास सूती वस्त्र उद्योग के प्राचीन व्यापक बाजार है, किन्तु आज इसे वैश्विक बाजार में मूल्य एवं गुणवत्ता को लेकर प्रतिस्पर्द्धा करनी पड़ रही है। यही समस्या भारत के अन्य उत्पादों को लेकर भी है, जिनकी गुणवत्ता का स्तर वैश्विक स्तर पर प्रतिस्प के अनुकूल नहीं है। Vocal for Local essay hindi

4.अधिक वित्तीय तथा तकनीकी संसाधनों की आवश्यकता भी चुनौतीपूर्ण है। भारत के केन्द्रीय बैंक द्वारा दिए जाने वाले ऋण सुगमता उपायों का लाभ भी सभी उत्पादकों को नहीं हो पाता है।

5.वर्तमान आत्मनिर्भर भारत के आर्थिक पैकेज के तहत् लोकल, वोकल तथा ग्लोबल की अवधारणा को साकार करने हेतु व्याप्त चुनौतियों को दूर करने का प्रयास किया गया है।

Conclusion

आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु वोकल फॉर लोकल,Essay on Vocal for Local in hindi को आत्मसात करना होगा। इसे बढ़ावा देना होगा तथा आत्मनिर्भर के आर्थिक पैकेजों का सद्उपयोग करना होगा तभी भारतीयों के लिए तथा भारतीयों द्वारा निर्मित उत्पादों की क्षमता व गुणवत्ता में बढ़ोतरी हो सकेगी तथा भारत की तरक्की भारतीयों और भारतीयों द्वारा बनाई गई वस्तु से हो सकेगी।

अतः इसे बढ़ावा देकर अपनाकर मेक इन इण्डिया के सपनों को साकार कर सुधारात्मक उपायों को अमल में लाकर तथा बदलते वैश्वीकरण में भारत को सशक्त बनाकर ही आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है तथा प्रधानमन्त्री के दिए गए मन्त्र लोकल को वोकल और ग्लोबल बनाने को साकार किया जा सकेगा।

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