Write on single use plastic essay in hindi | सिंगल यूज प्लास्टिक पर निबंध-2022

single use plastic आज के समय में (single use plastic essay in hindi) एक गम्भीर समस्या बन गया तो इस artical में हम single use plastic क्या है? single use plastic के क्या नुकसान है single use plastic ban को लेकर विश्व के देशों ने क्या क्या प्रवधान किया हैं और ये वर्तमान समय में एक वैश्विक मुद्दा बन गया है।

single use plastic essay in hindi
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single use plastic essay in hindi

 

single use plastic सर्वप्रथम प्लास्टिक की खोज वर्ष 1907 में लियो एच बैकलैण्ड ने की थी, तब इसे एक महान् आविष्कार मानते हुए मानव जाति के लिए वरदान बताया गया था, लेकिन जल्द यह मानवता के लिए अभिशाप सिद्ध हुआ। मानव द्वारा इसका प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जाने लगा। प्लास्टिक का प्रयोग पर्यावरणीय प्रदूषण को तो बढ़ाता ही है, साथ ही सभी जीव-जन्तुओं के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव भी डालता है। प्लास्टिक प्रदूषण आज एक वैश्विक समस्या बन गया है।

आज के समय में प्लास्टिक पर मनुष्य की निर्भरता अधिक बढ़ती जा रही है, जिसके कारण पर्यावरण एवं स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जिस कारण आज मानव समाज को प्लास्टिक के विरुद्ध जंग लड़ने की आवश्यकता है। 

इसी क्रम में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2 अक्टूबर, 2019 (गाँधी जयन्ती) को single use plastic को पूरी तरह से प्रतिबन्धित करने का निर्णय लिया, इसे देशभर में राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान के अन्तर्गत तीन चरणों में चलाया जा रहा है। इसमें विभिन्न सरकारी एजेन्सियों द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक के कचरे को जगह-जगह एकत्र किया जाएगा और इसे रिसाइक्लिंग के लिए भेजा जाएगा। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2022 तक प्लास्टिक के प्रयोग को पूरी तरह से प्रतिबन्धित करने का है।

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सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है? single use plastic meaning in hindi

 

सिंगल यूज प्लास्टिक एक ऐसा प्लास्टिक है जिसका उपयोग हम केवल एक बार करते हैं। एक बार इस्तेमाल कर फेंक दी जाने वाली प्लास्टिक ही सिंगल यूज प्लास्टिक कहलाता है। इसे डिस्पोजेबल प्लास्टिक भी कहते हैं। प्लास्टिक की थैलियाँ, प्याले, प्लेट, छोटी बोतले, स्ट्रा और कुछ पाउच आदि single use plastic के उदाहरण हैं। एक आँकड़े के अनुसार प्रत्येक वर्ष विश्व में करीब 300 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है। प्लास्टिक कचरे के उत्पादन की दृष्टि से विश्व में भारत का पाँचवों स्थान है। सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पाद को पुन: उपयोग में नहीं लाया जाता। 

एकल उपयोग वाले प्लास्टिक संक्रमणकारी रोगों के प्रसार को भी रोकते हैं; जैसे- सिरिंज, एप्लिकेटर, ड्रग टेस्ट, बँडेज आदि को अकसर डिस्पोजेबल बनाया जाता है, किन्तु इससे अधिक ये दुष्प्रभावी साबित होते है। अतः खाथ अपशिष्टों के खिलाफ लड़ाई में एकल उपयोग बाले प्लास्टिक उत्पादों को सूचीबद्ध किया गया है, जो भोजन और पानी को काफी समय तक ताजा रखते हैं और सन्दूषण की क्षमता को कम करते हैं।

यद्यपि कुछ एकल उपयोग उत्पादों का निपटान चुनौतीपूर्ण होता है, जैसे कि पेट्रोलियम आधारित प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल नहीं होते हैं और सामान्यत: ये लैण्डफिल में चले जाते हैं, जहाँ ये भूमि एवं जल में प्रवेश करते हैं। विघटन की प्रक्रिया में यह जहरीले रसायनों को निष्कासित करते हैं, जो हमारे भोजन और पानी की आपूर्ति में अपना स्थान बना लेते हैं, जोकि प्राणघातक होता है।

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सिंगल यूज प्लास्टिक का नकारात्मक प्रभाव|single use plastic disadvantage

 

single use plastic को  लेकर केन्द्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली में प्रतिदिन 690 टन चेन्नई में 429 टन, कोलकाता में 426 टन और मुम्बई में 408 टन प्लास्टिक कचरा फेंका जाता है, जिससे भूमि एवं समुद्र दोनों दुष्प्रभावी होते हैं तथा इसका प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसके अन्य प्रभाव निम्नलिखित हैं

  1.  प्लास्टिक की थैलियों का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि यह मॉन-बायोडिग्रेडेबल होती हैं, जिसके कारण इन्हें खाने से प्रतिवर्ष तकरीबन एक लाख से ज्यादा पशु-पक्षी मर जाते हैं। समुद्र की स्थिति और भी भयावह है, क्योंकि समुद्र में प्लास्टिक कचरे के रूप में असंख्य टुकड़े तैरते रहते हैं। जो अधिक समय बीत जाने के बाद माइक्रोप्लास्टिक में तब्दील हो जाते हैं, जो जलीय जीवों पर प्रभाव डालते हैं।
  2. यहीं नहीं प्लास्टिक के बर्तन में खाने और बोतलों में पानी पीने से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी हो रही है।
  3. सिंगल यूज प्लास्टिक मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी समाप्त करता है, क्योंकि अग्नि में जलने से जहाँ जहरीली गैस निकलती है, वहीं यह मिट्टी में पहुँचकर भूमि की उर्वरा शक्ति को समाप्त करता है। 
  4. वैज्ञानिकों के अनुसार, प्लास्टिक के नष्ट होने में 500 से 1000 वर्ष लग जाते हैं। विश्व में प्रत्येक वर्ष 80-120 अरब का प्लास्टिक बर्बाद हो जाता है, जिसकी वजह से उद्योगों पर रिसाइकिल कर पुनः प्लास्टिक तैयार करने का दबाव ज्यादा होता है। फलतः यह मानव तथा पशुओं को प्रभावित करता है single use plastic के दुष्प्रभावों से निपटने हेतु राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कई महत्त्वपूर्ण प्रयास किए गए है
  5. single use plastic समुद्र में 1950 से लेकर 2016 तक लगभग 66 वर्षों में जितना प्लास्टिक जमा हुआ है उतना ही प्लास्टिक जमा होने में सिर्फ 10 साल लगेगा और यही समस्या है पुरे विश्व के लिए क्योंकि प्लास्टिक महासागरों हजारों सालो तक खराब नहीं हो सकते जिसके कारण इसमें से  धीरे धीरे जहरीले रासायनिक पदार्थ निकलते जो पानी में मिल जाता जिसके कारण मछलियों, कछुओं और अन्य समुद्री जीवो के स्वास्थ्य पर गंभीर संकट पैदा हो गया है
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राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास|single use plastic

प्लास्टिक कचरे की समस्या से निपटने के लिए सरकार द्वारा single use plastic अपशिष्ट प्रबन्धन नियम 2016 लाया गया है। इस नियम में यह प्रावधान है कि ऐसी कम्पनियाँ, जो अपने पैकेजिंग में प्लास्टिक का उपयोग करती हैं, उन्हें ही इसे नष्ट करने की जिम्मेदारी भी लेनी होगी। इसके लिए कम्पनियों को एक्सटेण्डेड प्रोडक्ट रिस्पांसिबिलिटी प्लान अर्थात् EPR के अन्तर्गत रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। 

अगर भारत में कोई बड़ी या छोटी कम्पनी EPR के अन्तर्गत रजिस्ट्रेशन नहीं कराती है, तो उस पर पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम, 1986 और NGT Act. 2010 के तहत् कार्यवाही की जा सकती है। EPR प्रावधानों के अन्तर्गत कम्पनियों को एक बेस्ट कलेक्शन सिस्टम (WCS) तैयार करने का प्रावधान है, ताकि प्लास्टिक का प्रयोग होने के बाद उसका सही प्रबन्धन किया जा सके। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबन्धन (PWM) नियम, 2016 की अधिसूचना जारी करने और दो वर्ष बाद किए गए संशोधन के बावजूद अधिकांश शहर और कस्बे इसके प्रावधानों को लागू करने के लिए तैयार नहीं हैं।

वर्ष 2018 में प्लास्टिक कचरा प्रबन्धन नियम में संशोधन किया गया, जिसके तहत उत्पादकों को राज्यों के शहरी विकास विभागों के साथ साझेदारी में कचरे की रिकवरी के लिए छ: माह की समय सीमा निर्धारित की गई, किन्तु इस योजना में भी काफी कम प्रगति हुई। उचित औद्योगिक प्रक्रिया के उद्देश्य से पुनर्चक्रण को सुविधाजनक बनाने के लिए प्लास्टिक को संख्यात्मक रूप में (जैसे- PET के लिए-1, निम्न घनत्व वाले पॉलिएथीलीन के लिए 4, पॉलीप्रोपीलीन के लिए 5 आदि) भी चिन्हित नहीं किया गया।

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गौरतलब है कि पुनर्चक्रण, गैर-पुनर्चक्रण की मात्रा को कम करता है, इसलिए सीमेण्ट भट्ठों में सह-प्रसंस्करण,प्लाज्मा, पाइरोलाइसिस या भूमि भराव जैसे तरीके अपनाकर किया जाना चाहिए। वर्ष 2019 में CPCB (केन्द्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड) देश के 52 कम्पनियों को नोटिस जारी कर विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व सम्बन्धी अपने दायित्वों को पूरा करने को कहा है। essay on single use plastic in hindi

प्लास्टिक कचरे की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकारें भी इस मुहिम में योगदान दे रही हैं। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली समेत कई राज्यों  और  केन्द्रशासित प्रदेशों ने भी सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर रोक लगा दी है और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ भारी जुर्माने का प्रवधान रखा गया है

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अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास|single use plastic ban in hindi

सिंगल यूज प्लास्टिक की समस्या को देखते हुए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में यूरोपीय संघ ने वर्ष 2021 तक ‘सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगाने की योजना बनाई है। कचरे के निस्तारण से जुड़े कई अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों, जैसे बेसल कन्वेन्शन आदि को लागू किया गया है।

हाल ही में यूरोपीय संसद ने समुद्र तटों को प्रदूषित करने वाले महासागरों और समुद्रों में उपस्थित एकल उपयोग बाले प्लास्टिक कचरों, जैसे- कटलरी, स्ट्रॉ, कपास की कलियाँ आदि पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए मतदान किया है। इसी विषय पर चर्चा करने के लिए सरकार ने G-20 समिट के पर्यावरण और ऊर्जा मन्त्रियों को केरुजावा में एक सम्मेलन में आमन्त्रित किया गया इस सम्मेलन में समुद्री प्लास्टिक कचरे को निपटाने हेतु सभी में आपसी सहमति बनी हैं।

मई, 2018 में यूरोपीय संघ द्वारा समुद्री जीवन की रक्षा में मदद करने के लिए एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध लगाने का प्रस्ताव लाया गया था। यूरोपीय संघ का मानना है कि प्लास्टिक कचरा निर्विवाद रूप से एक बड़ा मुद्दा है और इस समस्या से निपटने के लिए यूरोपीय लोगों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।

इस मुहिम में एक कदम चीन ने भी उठाया है चीन के वाणिज्यिक केन्द्र शंघाई में खानपान सेवाओं में एक  होने उपयोग होने वाले प्लास्टिक के उपयोग को धीरे-धीरे प्रतिबन्धित कर रहा है, जबकि हैनान ने वर्ष 2025 तक single use plastic को पूर्णतया समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। विश्व में कई ऐसे देश या राज्य हैं, जहाँ वन टाइम यूज प्लास्टिक को लेकर प्रतिबन्धात्मक कार्यवाही की जा रही है।

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सिंगल यूज प्लास्टिक के नियन्त्रण को लेकर महत्त्वपूर्ण तथ्य|Important facts about single use plastic

प्लास्टिक कचरे के खिलाफ आन्दोलन में मल्टी लेयर पैकेजिंग, ब्रेड बैग, फूड रैप और प्रोटेक्टिव पैकेजिंग जैसे एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के उपभोग में कमी को प्राथमिकता देने के साथ प्लेटों, कटलरी और कपों के लि एप्रमाणित जैब निम्नीकृत पदार्थों के विकल्पों पर ध्यान केन्द्रित करना होगा।

ध्यातव्य है कि भारत में पैकेजिंग बाजार वर्ष 2015 के $31 बिलियन की तुलना में बढ़कर वर्ष 2020 तक $72.6 में बिलियन पहुँचने का अनुमान है। अत: उत्पादकों पर सभी प्रकार के प्लास्टिक के संग्रह, पुनर्चक्रण और प्रसंस्करण को कारगर बनाने के लिए दबाव बढ़ाने की आवश्यकता है।

भारत में E-कॉमर्स की बढ़ती खरीदारी के साथ प्लास्टिक का उपयोग काफी बढ़ गया है। इन कम्पनियों को प्लास्टिक पैकेजिंग पर वापस कटौती करने की आवश्यकता है, जो कि भारत की वार्षिक प्लास्टिक खपत का 40% तक पहुँच गई है। इस सम्बन्ध में अमेजन इंक का जून, 2020 तक अपनी पैकेजिंग में सभी एकल उपयोग बाले प्लास्टिक को बदलने के लिए पेपर कुशन के साथ एक स्वागत योग्य कदम है।

भारत में मजबूत परीक्षण और प्रमाणन एजेन्सियों की अनुपस्थिति में उत्पादकों द्वारा किए गए दावों को सत्यापित करने के लिए नकली बायोडिग्रेडेबल और कम्पोस्टेबल प्लास्टिक बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। अत: इसके लिए ऐसी प्रयोगशालाओं और एजेन्सियों की तत्काल जरूरत है। single use plastic in hindi

प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबन्धन (PWM) नियम, 2016 की अधिसूचना और दो वर्ष बाद किए गए संशोधनों के बावजूद अधिकांश शहर और कस्बे नियमों के प्रावधानों को लागू करने के लिए तैयार नहीं है। अत: नियमों को सख्ती से लागू करने के प्रावधानों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

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Conclusion

single use plastic का प्रयोग हम रोजमर्रा के कामों में करते आए हैं। प्लास्टिक के अन्धाधुन्ध प्रयोग से आज पर्यावरण खतरे में है। सम्पूर्ण विश्व में प्रत्येक वर्ष लाखों टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है। इसमें केवल 9% ही रिसाइकिल होता है, 12% जला दिया जाता है, जो हमारी हवा को जहरीला बनाता है, जबकि 79% प्लास्टिक कचरा इधर-उधर बिखरकर हमारे पर्यावरण को दूषित करता है। इसका बुरा प्रभाव समुद्री जीव-जन्तुओं पर पड़ रहा है।

single use plastic in hindi यदि इस प्लास्टिक का सही ढंग से निपटारा नहीं किया गया तो वर्ष 2050 तक हमारे आस-पास अरबों टन प्लास्टिक कचरा जमा हो जाएगा। अतः हमें अपनी भौतिक प्रवृत्ति में बदलाव के साथ बुनियादी कदम उठाने की आवश्यकता है, तभी समुद्री जीवों के साथ-साथ विश्व के प्रत्येक जीव-जन्तु के साथ हमारा सहअस्तित्व बना रह सकता है।

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नमस्कार दोस्तों, मैं अमजद अली, Achiverce Information का Author हूँ. Education की बात करूँ तो मैंने Graduate B.A Program Delhi University से किया हूँ और तकनीकी शिक्षा की बात करे तो मैने Information Technology (I.T) Web development का भी ज्ञान लिया है मुझे नयी नयी Technology से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है. इसलिए मैने इस Blog को दुसरो को तकनीक और शिक्षा से जुड़े जानकारी देने के लिए बनाया है मेरी आपसे विनती है की आप लोग इसी तरह हमारा सहयोग देते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे

1 thought on “Write on single use plastic essay in hindi | सिंगल यूज प्लास्टिक पर निबंध-2022”

  1. मैने आपका आर्टिकल पढ़ा और मुझे यह काफ़ी अच्छा लगा? आपने इस ऑर्टिकल में पूरी जानकारी दी हैं, जिसे पढ़कर मैंने भीं अपनी साइट पर एक ऑर्टिकल लिखा। क्या आप मेरा आर्टिकल को देख कर बता सकते हैं, की मैने ऑर्टिकल लिखने में क्या गलतियां की हैं। आप से निवेदन हैं, कृपया मेरे मदद करे।

    plastic kya hai?

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