क्रिप्टोकरेसी क्या है? What is cryptocurrecy in hindi भविष्य सम्भावनाएँ एवं चुनौतियाँ

What is cryptocurrecy in hindi

क्रिप्टोकरेसी क्या है? (What is cryptocurrecy in hindi) क्रिप्टोकरेसी इस शब्द ने तो वर्तमान समय में काफी चर्चा में बना है जब से भारत में इसके प्रतिबंध को लेकर बिल आया है (Cryptocurrency ban in India) तो हमने सोचा क्यों न इस पर पूरा जानकारी अपने प्रिय पाठको तक क्रिप्टोकरेसी क्या है (cryptocurrecy in hindi) 

क्रिप्टोकरेसी का भारत में क्या भविष्य है, इसके क्या नुकसान और क्या इसके क्या क्या फायदे है, क्योंकि क्रिप्टोकरेसी को लेकर आज के समय में काफी चर्चा हो रही है तो परीक्षा के द्वष्टि से भी यह प्रतियोगिता परीक्षा मे एक निबंध के तौर पर लिखा जा सकता है। 

इसलिए हमने इस विषय को लेकर एक लेख तैयार किया क्योंकि ये आपका अधिकार है बनता है और हमारा फर्ज बनता है कि आपको इस विषय के बारे में शिक्षित करे।तो चलिए जानते हैं बिना किसी देरी के की आखिर cryptocurrecy क्या है और क्यों भविष्य में इस digita money का बोल बाला होने वाला है। 

What is cryptocurrecy in hindi
What is cryptocurrecy in hindi

 

क्रिप्टोकरेसी क्या है What is cryptocurrecy in hindi 

क्रिप्टोकरेसी जिसे हम भविष्य की मुद्रा भी कहते है आने वाले समय में दुनिया पर यही Cryptocurrency राज करने वाले है । Cryptocurrency आज हर कोई इसे जानता है और भारत में भी ये अपना सत्ता जमा चुका है (Cryptocurrency in India hindi) इसलिए भारत सरकार ने वित्त वर्ष अपने बजट 2022-23 में Cryptocurrency पर टेक्स बढ़ाकर 30% तक कर दिया गया है। What is cryptocurrecy in hindi 

क्योंकि जिस प्रकार से क्रिप्टोकरेसी अपना सत्ता जमाता जा रहा है विश्व के कई देशों को इसकी चिंता सताने लगी है क्योंकि क्रिप्टोकरेसी Decentralized currency है जिस पर goverment, agency, अथवा कोई board का अधिकार नहीं होता जिसके चलते इसके मूल्य को regulate नहीं किया जा सकता है

क्रिप्टोकरेसी का क्या अर्थ है What is cryptocurrecy in hindi 

meaning of cryptocurrency in hindi क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान युग तकनीकी युग है। विश्व में आज प्रत्येक क्षेत्र में तकनीकी परिवर्तन हो रहा है। तकनीकी विकास के कारण प्रत्येक क्षेत्र डिजिटल होता जा रहा है। ऐसा ही एक नवाचार आभासी मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) के रूप में मुद्रा के क्षेत्र में हुआ है। यह सही है कि प्रत्येक सिक्के के दो पहलू होते हैं, जिस कारण इसके जितने लाभ है, उतनी ही इस सन्दर्भ में चुनीतियाँ भी हैं।

अतः इसे अपनाने से पहले इसे सुरक्षात्मक व कानूनी रूप से मजबूत करने पर बल देने की जरूरत है, जिससे इससे लाभ उठाते हुए अर्थव्यवस्था की गति प्रदान की जा सके। यह एक डिजिटल मुद्रा है, जिसे न तो देख सकते है न छू सकते हैं और न ही सामान्य मुद्रा की भाँति जैब में रख सकते हैं, क्योंकि यह मुद्रित रूप में उपलब्ध नहीं होती है। इसका भौतिक रूप में कोई स्वरूप न होने के कारण इसे आभासी मुद्रा (Virtual Curreney) भी कहा जाता है।

यह एक ऐसी मुद्रा है, जिसे कम्प्यूटर एल्गोरिथ्म के आधार पर बनाया गया है। इसे केवल कम्प्यूटर पर देखा तथा गिना जा सकता है एवं भुगतान किया जा सकता है। यह एक स्वतन्त्र मुद्रा है, जिसका संचालन व नियमन किसी संस्था या सरकार द्वारा नहीं किया जा सकता है। इसे विकेन्द्रीकृत मुद्रा भी कहा जाता है।

जहाँ Cryptocurrency की बात चल रही हो और वह पर Cryptocurrency के किंग कहे जाने वाले बिटकाॅइन की बात न हो तो ये सही नही । 

विश्व में सबसे पहले बिटकॉइन नामक क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत वर्ष 2009 में हुई थी, जिसे जापान के संतोषी नाकमीतों ने बनाया था। वर्तमान में 1500 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी बाजार में उपलब्ध हैं, जो पियर-टू-पियर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के रूप में काम करती हैं। 

Coin और Token में क्या अंतर है? cryptocurrency kya hai in hindi

अक्सर जब भी Cryptocurrency की बात करते है तो हमें ये जरूर सुनने को आता है की ये क्रिप्टो काॅइन है या क्रिप्टो टोकन है तो इन दोनों में क्या अंतर है। चलिए जानते हैं कि इन दोनों में क्या अंतर है-

देखा जाए तो कॉइन और टोकन दोनों में बहुत सी समानताएं होती हैं लेकिन इनमें कुछ मूलभूत अंतर होते है जिसके कारण इन दोनों को एक दूसरे से अलग करती है। 

कॉइन (coin) – जिस क्रिप्टो का अपना खुद का ब्लॉकचेन होता है उसे किसी और क्रिप्टो ब्लॉकचेन की आवश्यकता नही होती वह काॅइन कहलाते हैं। 

क्रिप्टोकॉइन के उदाहरण- Bitcoin, Ethereum, Binance , Ripple XRP आदि

टोकन (token) – जबकि क्रिप्टो टोकन में अपना खुद का ब्लॉकचेन नहीं होता और वो किसी बडे़ काॅइन के ब्लॉकचेन पर बने होते है वह टोकन कहलाते हैं। 

 क्रिप्टो टोकन के उदहारण- Dogecoin, shiba inu, Kishu inu, Baby doge आदि

Blockchain Technology Kya hai in hindi

ब्लॉकचेन दो शब्दों को मिलकर बनाया गया है। पहला ब्लॉक (बंद करना) और दूसरा चेन (कड़ी) जिस प्रकार एक चैन में एक के बाद एक कड़ी आपस में एक दूसरे से जुड़ी होती है उसी प्रकार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में बहुत सारे डेटा ब्लॉक से है जुड़ा होता है। मतलब इन ब्लॉक्सों में key डेटा रखा जाता है। अलग-अलग बॉक्स में करेंसी यानी डेटा होते हैं, और ये एक-दूसरे जुड़े होते हैं। डेटा की एक लंबी चैन बनते जाती है। जैसे ही नया डेटा आता है, उसे एक नए ब्लॉक में दर्ज किया जाता है। ब्लॉक के भरने पर इसे नए डेटा से जोड़ दिया जाता है। इसी तरह सारे ब्लॉक्स एक-दूसरे जुड़े रहते हैं।

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Cryptocurrency की लोकप्रियता के कारण

  1. यह निजता बनाए रखने में सहायक होती है। इसके माध्यम से लेन-देन में छद्म नाम एवं पहचान बताई जाती है। ऐसे में अपनी निजता को लेकर अत्यधिक संवेदनशील व्यक्तियों को यह बहुत ही उपयुक्त लगती है। 
  2. इसके लेन-देन में लागत काफी कम लगती है। घरेलू या अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी लेन-देन पर लागत एकसमान होती है। इसके माध्यम से होने वाले लेन-देन में यई पार्टी सर्टिफिकेशन की आवश्यकता नहीं होती है। इस प्रकार इसमें धन एवं समय दोनों की बचत होती है। 
  3. सामान्य बैंक में खाता खोलने व लेन-देन के लिए कई प्रकार के प्रमाण पत्रों की आवश्यकता होती है, जबकि इसमें इस प्रकार की आवश्यकता नहीं होती है। 
  4. बैंकिंग प्रणालियों व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले लेन-देन पर सरकार का सख्त नियन्त्रण होता है, जबकि यह राष्ट्रीय बैंकिंग सिस्टम के प्रत्यक्ष नियन्त्रण के बाहर धन के आदान-प्रदान का एक विश्वसनीय और सुरक्षित माध्यम प्रदान करता है।
  5. अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी ओपन सोर्स पद्धति पर आधारित होती हैं। इन प्लेटफॉर्म के सॉफ्टवेयर कोड सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रहते हैं। इसका प्रभाव यह होता है कि क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म पर लगातार सुधार की सम्भावनाएँ बनी रहती हैं। 
  6. सरकार के पास बैंक खाते को जन्त करने का अधिकार होता है, जबकि क्रिप्टोकरेंसी के मामले में वे ऐसा नहीं कर सकती है। अत: सरकार से बचाव के एक प्रभावकारी विकल्प के रूप में इस मुद्रा का प्रयोग किया जाता है। साथ ही नोटबन्दी और मुद्रा के अवमूल्यन का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

Cryptocurrency की सम्भावनाएँ

  1. इण्टरनेट के माध्यम से लेन-देन के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य तन्त्रों की तुलना में क्रिप्टोकरेंसी बहुत तीव्र और तुलनात्मक रूप से बहुत कम विनिमय शुल्क पर विनिमय की सुविधा प्रदान करती है।
  2. क्रिप्टोकरेंसी को किसी केन्द्रीय तन्त्र द्वारा प्रशासित न किए जा सकने के कारण यह लेन-देन प्रक्रिया को काफी आसान व विकेन्द्रित बनाती है।
  3. यह एक डिजिटल करेंसी है, जिसमें धोखाधड़ी की सम्भावना बहुत कम होती है।
  4. अधिक पैसा होने पर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना लाभप्रद है, क्योंकि इसकी कीमतों में बहुत तेजी से उछाल आता है। अत: यह निवेश के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म है।
  5. Cryptocurrency धारक को प्रदान किए गए एक डिजिटल वॉलेट में सुरक्षित रहती है, जिस पर उसका पूर्ण स्वामित्य होता है अर्थात् इस प्रक्रिया में किसी तीसरे पक्ष पर विश्वास करने जैसी कोई आवश्यकता नहीं रहती है। 
  6. क्रिप्टोकरेंसी के राष्ट्रीय सीमाओं में न बँधे होने के कारण वैश्विक स्तर पर सरलतापूर्वक इसका विनिमय करना सम्भव है। फिर इस पूरी प्रक्रिया में किसी केन्द्रीय बैंक की अनुपस्थिति इसे और सुगम बना देती है।
  7. कई देश ऐसे हैं, जहाँ कपिटल कण्ट्रोल नहीं है अर्थात् यह बात तय ही नहीं है कि देश से बाहर कितना पैसा भेजा जा सकता है और कितना मँगवाया जा सकता है। अतः क्रिप्टोकरेंसी खरीदकर उसे देश के बाहर आसानी से भेजा जा सकता है और फिर उसे पैसे में रूपान्तरित किया जा सकता है।
  8. यह पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके लिए केवल ऑर्थोटिकेशन रखने की आवश्यकता होती है, क्योंकि ऐसी करेंसी ब्लॉकचेन पर आधारित होती है।

Cryptocurrency की वैश्विक स्थिति

वर्तमान में 21 मिलियन बिटकॉइन इण्टरनेट के नेटवर्क में छिपे हुए हैं तथा नए बिटकॉइन का भी आगमन हो रहा है। आज प्रत्येक बिटकॉइन का मूल्य ₹500 है, जो कि इसे दुनिया की सबसे महँगी करेंसी बनाता है। कुछ विशेषज्ञों ने इसे ‘गोल्डरश’ नाम से भी सम्बोधित किया है। वर्ष 2014 से माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी सेवाओं के लिए बिटकॉइन के रूप में भुगतान लेना शुरू कर दिया है। साइप्रस के निकोसिया विश्वविद्यालय ने सर्वप्रथम विद्यार्थियों के प्रवेश शुल्क के रूप में बिटकॉइन को स्वीकार किया है।

वर्ष 2018 में प्रशान्त महासागर में स्थित मार्शल द्वीप क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेण्डर के रूप में मान्यता देने वाला विश्व का पहला देश है। बेनेजुएला ने पेट्रो’ नामक क्रिप्टोकरेंसी प्रारम्भ की एवं ऐसा करने वाला विश्व का पहला सम्प्रभु देश है। कई देशों में इसे आर्थिक संकट से उबारने के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। फेसबुक (Facebook) ने जून, 2019 में डिजिटल कॉइन ‘लिब्रा’ लॉन्च किया है, जिसे लिखा एसोसिएशन और कैलिब्रा वॉलेट द्वारा नियन्त्रित किया जाएगा। कम्पनी के अनुसार इसे वर्ष 2020 तक आम लोगों के लिए जारी कर दिया जाएगा।

विश्व के कई देश इसकी पारदर्शिता व विधि ग्राह्यता सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं। फिर भी कई देशों ने इस पर प्रतिबन्ध लगा रखा है अर्थात् इसे मान्यता प्रदान नहीं की है। वेनेजुएला की संसद ने ‘पेट्रो’ नामक Cryptocurrency को अवैध घोषित कर दिया है। भारत ने भी अभी तक इसको मान्यता प्रदान नहीं की है।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी Cryptocurrency in India 

  1. Cryptocurrency में उच्च स्तर की अनिश्चितता एवं जोखिम के कारण भारत सरकार का दृष्टिकोण प्रतिबन्धात्मक एवं इसे हतोत्साहित करने वाला ही रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पहली बार दिसम्बर, 2013 में इस सन्दर्भ में चेतावनी जारी की थी। पुनः वर्ष 2017 में रिजर्व बैंक ने इस सन्दर्भ में जनता को आगाह किया।
  2. आरबीआई के अनुसार बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का किसी भी मौद्रिक प्राधिकरण द्वारा नियम नहीं होता है और न ही इसका कोई कानूनी आधार है। इसके मूल्यों में भारी उतार-चढ़ाव के कारण इसके निवेश में हानि की अधिक सम्भावना है। 
  3. आरबीआई के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी के संचालन में आर्थिक, वित्तीय, परिचालानात्मक, कानून, ग्राहक संरक्षण और सुरक्षा सम्बन्धी जोखिम मौजूद हैं। रिजर्व बैंक ने किसी भी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता प्राधिकार या लाइसेंस नहीं दिया है। कहने का तात्पर्य है कि भारत में यह लीगल टेण्डर (विधि ग्राह्य) नहीं है। फरवरी, 2018 के अपने बजटक्षभाषण में तत्कालीन वित्तमन्त्री अरुण जेटली ने क्रिप्टोकरेंसी के प्रयोग को रोकने की बात कही थी।
  4. क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक 2019 के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव दिया गया है कि देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 वर्ष की जेल की सजा होगी। इस प्रकार, भारत में सभी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध है अर्थात् उसे मान्यता प्रदान नहीं की गई है।
  5. यद्यपि भारत में इसे इसकी चुनौतियों को देखते हुए मान्यता प्रदान नहीं की गई है, लेकिन यह भारत में कैशलेस अर्थव्यवस्था तथा वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, लेकिन इसके लिए सरकार को आतंक के वित्तपोषण, मनी लॉण्डिंग कर चोरी, ग्राहक सुरक्षा आदि के सन्दर्भ में कठोर नीति बनानी होगी।

Cryptocurrency की चुनौतियाँ या नुकसान

  1. इसकी सबसे बड़ी हानि यह होती है कि इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, क्योंकि इनका मुद्रण नहीं किया जा सकता और न तो इस करेंसी के नोट छापे जा सकते हैं और न ही कोई बैंक अकाउण्ट या पासबुक जारी की जा सकती है।
  2. इसको नियन्त्रित करने के लिए फोई ऐसी संस्था नहीं है, जिससे इसकी कीमत में कभी बहुत अधिक उछाल देखने को मिलता है तो कभी बहुत ज्यादा गिरावट, जिसकी वजह से इसमें निवेश करना काफी जोखिम भरा हो सकता है।
  3. इसका प्रयोग अवैध कार्यों जैसे हथियारों की खरीद-फरोख्त, मादक पदार्थों का व्यापार, आतंकवादी गतिविधियाँ, मनी लॉण्डिंग आदि में किया जा सकता है, क्योंकि इसका प्रयोग दो लोगों के बीच ही किया जाता है।
  4. कई राष्ट्र, कम्पनियों व वेबसाइट्स आदि ने इसे कानूनी मुद्रा के रूप में मान्यता प्रदान नहीं की है अर्थात् क्रिप्टोकरेंसी की व्यापक स्वीकृति न होना इस पर प्रश्नचिह्न लगाता है।
  5. इसमें विनिमय के रिफण्ड का कोई प्रावधान नहीं है। कहने का तात्पर्य यह है कि भूलवश किसी को भुगतान कर दिए जाने पर धन के वापस लौटने की कोई आशा नहीं रहती है।
  6. इसको नियन्त्रित करने वाली कोई उत्तरदायी एवं स्थिर नियामक संस्था व्यवस्था नहीं है, जिस कारण इसकी विश्वसनीयता सदैव सन्देह के घेरे में बनी रहती है तथा ग्राहकों एवं निवेशकों को इसकी तरफ आकर्षित न कर पाने का एक बड़ा कारण बनती है।
  7. यदि इससे सम्बन्धित डिजिटल वॉलेट खो जाए तो सम्पूर्ण धन डूब जाने का खतरा रहता है, जो पुनः इस व्यवस्था की स्थिरता व विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगाता है। 
  8. इसकी सम्पूर्ण व्यवस्था के ऑनलाइन होने के कारण इसकी सुरक्षा कमजोर होती है और इसके हैक होने का खतरा बना रहता है। 
  9. प्रत्येक बिटकॉइन लेन-देन के लिए लगभग 237 किलोवाट बिजली की खपत होती है और इससे प्रतिघण्टा लगभग 92 किलो कार्बन का उत्सर्जन होता है। कहने का तात्पर्य है कि यह पर्यावरण की दृष्टि से भी प्रतिकूत है।

Conclusion

cryptocurrecy को लेकर उपरोक्त बातों से हम कह सकते है कि किसी भी तकनीकी के लाभ के साथ-साथ उसकी कुछ सीमाएँ एवं कमियाँ होना स्वाभाविक है। क्रिप्टोकरेसी क्या है? (What is cryptocurrecy in hindi) क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल व विकेन्द्रीकृत मुद्रा है। अतः इस पर पूर्ण व स्थायी प्रतिबन्ध लगाना सम्भव नहीं है, लेकिन कानूनी रूप से नियन्त्रित करते हुए इसे अपनाया जा सकता है। इसकी आगामी महत्ता को देखते हुए कुछ राष्ट्र व कम्पनी इसे अपने भुगतान तन्त्र में सम्मिलित भी कर सकते हैं। 

इन मुद्राओं से लाभ कमाने वाले व्यवसायी भी यही चाहते हैं कि इस पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने के स्थान पर स्पष्ट कानून बनाकर इसका नियमन किया जाए। वस्तुतः व्यापक अर्थव्यवस्था के लिए इनका महत्त्व और बढ़ जाता है। अतः भारत सरकार को इस पर गम्भीरता से बिचार करना चाहिए। सुरक्षात्मक व कानूनी पक्ष को सुदृढ़ बनाकर इसका विनियमन करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए इसे प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

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नमस्कार दोस्तों, मैं अमजद अली, Achiverce Information का Author हूँ. Education की बात करूँ तो मैंने Graduate B.A Program Delhi University से किया हूँ और तकनीकी शिक्षा की बात करे तो मैने Information Technology (I.T) Web development का भी ज्ञान लिया है मुझे नयी नयी Technology से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है. इसलिए मैने इस Blog को दुसरो को तकनीक और शिक्षा से जुड़े जानकारी देने के लिए बनाया है मेरी आपसे विनती है की आप लोग इसी तरह हमारा सहयोग देते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे

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